रंगूगा गाल तेरे मैं भला कितना छुपाओगे चला आऊं गली में मैं भला कितना बचाओगे बदन तेरा भिगोकर मैं तुझे रंग दूँ मुहब्बत में करो वादा न जाके दूर तुम मुझको सताओगे शुभम पांडेय गगन (अयोध्या) ©Shubham Pandey gagan होली की शुभकामनाएं। #होली #कृष्णा #हिन्दी #कविता