मस्ती आँखों में घोल दे साक़ी। मेरे वास्ते कुछ बोल दे साक़ी।। खामोश है अभी ये सारा शहर। मयखाना अब तो खोल दे साक़ी।। (Saani) ©Treasure of Humanity Md shaukat ali "saani" #साक़ी #मयखाना