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ये जो दरख्त जुड़े हैं जिस कोमलता से जड़ों से शीतलता

ये जो दरख्त जुड़े हैं जिस कोमलता से जड़ों से
शीतलता भी शरमा चली आई सूने पड़े थड़ो पे
जो तेरा जिक्र जरा सा भी हुआ इन पत्तियों में
हमे गुमाँ है; कहीं जंग न छिड़ जाये हवाओं की धड़कनों में !

देखते थे महबूब हमें भी छिपके टहनियों से
कभी बड़ा बेरंग सा था जो मौसम रंगीनियों का
वहाँ इश्क ही इश्क लिखा जा रहा है अब फड़ो पे !!
 थडा- चबूतरा
फड- लकडी की बनी जिसपर लिखा जाता है
#yqbaba #yqdidi #mohabbat #surajaaftabi #love #life #lovequotes #दरख़्त
ये जो दरख्त जुड़े हैं जिस कोमलता से जड़ों से
शीतलता भी शरमा चली आई सूने पड़े थड़ो पे
जो तेरा जिक्र जरा सा भी हुआ इन पत्तियों में
हमे गुमाँ है; कहीं जंग न छिड़ जाये हवाओं की धड़कनों में !

देखते थे महबूब हमें भी छिपके टहनियों से
कभी बड़ा बेरंग सा था जो मौसम रंगीनियों का
वहाँ इश्क ही इश्क लिखा जा रहा है अब फड़ो पे !!
 थडा- चबूतरा
फड- लकडी की बनी जिसपर लिखा जाता है
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