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What is Rahu Mahadasha Rahu Antardasha? What are t

 What is Rahu Mahadasha Rahu Antardasha? What are the effects of rahu mahadasha? & how to survive it? Get accurate Rahu Mahadasha remedies from below.
किसी जातक की कुण्‍डली में राहु की दशा या अंतरदशा (Rahu Mahadasha or Antardasha) चल रही हो तो उसे क्‍या समस्‍या आएगी। अपनी कुण्‍डली विश्‍लेषण के दौरान जातक का यह सबसे कॉमन सवाल होता है और किसी भी ज्‍योतिषी के लिए इस सवाल का जवाब देना सबसे मुश्किल काम होता है। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि राहु की मुख्‍य समस्‍याएं (Rahu related Problems) क्‍या हैं और जातक का इस पर क्‍या प्रभाव पड़ता है।
राहु की महादशा का समय:
राहु मूलतः छाया ग्रह है, फिर भी उसे एक पूर्ण ग्रह के समान ही माना जाता है। यूं तो इसका अपना कोई अस्तित्व नहीं होता, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसे शनि ग्रह से भी अधिक हानिकारक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि हर व्यक्ति के जीवन में एक बार राहु की महादशा जरूर आती है। यह महादशा एक या दो नहीं बल्कि पूरे 18 वर्ष चलती है। इस अवधि में राहु से प्रभावित व्यक्ति को अपमान और बदनामी का सामना भी करना पड़ सकता है।
राहु की महादशा में राहु की अंतर्दशा (Rahu Mahadasha Rahu Antardasha) जातक पर कोई खास दुष्‍प्रभाव नहीं डालता है। अगर कुण्‍डली में राहु कुछ अनुकूल स्थिति में बैठा हो तो प्रभाव और भी कम दिखाई देता है। राहु की महादशा में राहु का अंतर अधिकांशत: मंगल के प्रभाव में ही बीत जाता है।
Know your Rahu Mahadasha Time in your Kundli from here.
राहु की महादशा में शादी:
राहु-केतु के अकेले पहले भाव में होने से ऐसी शादी के निभने में घरवालों द्वारा ही परेशानी खड़ी की जा सकती है। यह संभावना हो सकती हैं कि लंबे समय तक जीवनसाथी से दूर रहना पड़े।शादी ही नहीं, राहु तलाक के योग भी बनाता है| राहु के माया जहां व्यक्ति को इंटरकास्ट (गैर जाति में) मैरिज के लिए उकसाता है वहीं यह राहु तलाक भी करवा सकता है।
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किसी जातक की कुण्‍डली में राहु की दशा या अंतरदशा (Rahu Mahadasha or Antardasha) चल रही हो तो उसे क्‍या समस्‍या आएगी। अपनी कुण्‍डली विश्‍लेषण के दौरान जातक का यह सबसे कॉमन सवाल होता है और किसी भी ज्‍योतिषी के लिए इस सवाल का जवाब देना सबसे मुश्किल काम होता है। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि राहु की मुख्‍य समस्‍याएं (Rahu related Problems) क्‍या हैं और जातक का इस पर क्‍या प्रभाव पड़ता है।
राहु की महादशा का समय:
राहु मूलतः छाया ग्रह है, फिर भी उसे एक पूर्ण ग्रह के समान ही माना जाता है। यूं तो इसका अपना कोई अस्तित्व नहीं होता, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसे शनि ग्रह से भी अधिक हानिकारक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि हर व्यक्ति के जीवन में एक बार राहु की महादशा जरूर आती है। यह महादशा एक या दो नहीं बल्कि पूरे 18 वर्ष चलती है। इस अवधि में राहु से प्रभावित व्यक्ति को अपमान और बदनामी का सामना भी करना पड़ सकता है।
राहु की महादशा में राहु की अंतर्दशा (Rahu Mahadasha Rahu Antardasha) जातक पर कोई खास दुष्‍प्रभाव नहीं डालता है। अगर कुण्‍डली में राहु कुछ अनुकूल स्थिति में बैठा हो तो प्रभाव और भी कम दिखाई देता है। राहु की महादशा में राहु का अंतर अधिकांशत: मंगल के प्रभाव में ही बीत जाता है।
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राहु की महादशा में शादी:
राहु-केतु के अकेले पहले भाव में होने से ऐसी शादी के निभने में घरवालों द्वारा ही परेशानी खड़ी की जा सकती है। यह संभावना हो सकती हैं कि लंबे समय तक जीवनसाथी से दूर रहना पड़े।शादी ही नहीं, राहु तलाक के योग भी बनाता है| राहु के माया जहां व्यक्ति को इंटरकास्ट (गैर जाति में) मैरिज के लिए उकसाता है वहीं यह राहु तलाक भी करवा सकता है।