रफ़्तार पकड़ने लगी है मेरी ज़िंदगी कभी खुशियां तो कभी कुछ अपने मुझसे रूठ जाते है, लिखता हूं हमेशा मैं कुछ नया ज़िंदगी की क़िताब में पर क्या करूं मुझसे कुछ ज़िंदगी के हसीन पन्ने ख़ाली छूट जाते हैं... ©Nikhil Kaushik रफ़्तार पकड़ने लगी है मेरी ज़िंदगी कभी #खुशियां तो कभी कुछ #अपने मुझसे #रूठ जाते है, #लिखता हूं हमेशा मैं कुछ नया ज़िंदगी की #क़िताब में पर क्या करूं मुझसे कुछ #ज़िंदगी के #हसीन_पन्ने ख़ाली छूट जाते हैं... #Raftaar