खत्म सब हो चला सहारा बस आश का, बीच सागर फंसा वक्त है प्यास का, मै तडफता यहाँ वो तडफती वहां, खत्म होता नहीं वक्त वनवास का! #हेमंत कुमार "अकेला" #dilsekalamtak