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आज हमें मिले पूरे साल हुए पर तुम मेरे शायद कभी न ह

आज हमें मिले पूरे साल हुए
पर तुम मेरे शायद कभी न हुए ,
होती तो ये बहुत ही हसीन शाम मेरे खातिर
पर तुम है नहीं मेरे तो क्या ये शाम होगी ।
मेरी मुहब्बत में ही थी कोई कमिया 
तभी तुमने छुड़ा ली मुझसे साथ ,
खैर अब ये दिन तो न रहा खास 
क्योंकि अब न मेरे हो तुम पास ।
खुदा से इल्तज़ा है इतनी हमारी
दे दे वो सारी खुशियां तुम्हे भी हमारी ,
हमारा क्या हम तो गुमनाम थे और रहेंगे
पर ख़ुदा तुम्हे हमेशा सलामत रखे ।
  काश तुम मेरे होते शायद .................
आज हमें मिले पूरे साल हुए
पर तुम मेरे शायद कभी न हुए ,
होती तो ये बहुत ही हसीन शाम मेरे खातिर
पर तुम है नहीं मेरे तो क्या ये शाम होगी ।
मेरी मुहब्बत में ही थी कोई कमिया 
तभी तुमने छुड़ा ली मुझसे साथ ,
खैर अब ये दिन तो न रहा खास 
क्योंकि अब न मेरे हो तुम पास ।
खुदा से इल्तज़ा है इतनी हमारी
दे दे वो सारी खुशियां तुम्हे भी हमारी ,
हमारा क्या हम तो गुमनाम थे और रहेंगे
पर ख़ुदा तुम्हे हमेशा सलामत रखे ।
  काश तुम मेरे होते शायद .................