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"मुझको ढुँढ लेता है, रोज किसी बहाने से, दर्द वाकि

"मुझको ढुँढ लेता है, रोज किसी बहाने से, 
दर्द वाकिफ हो गया है, मेरे हर ठिकाने से !!"

©mr Ravi Dhakad कलाम से क्रांति
"मुझको ढुँढ लेता है, रोज किसी बहाने से, 
दर्द वाकिफ हो गया है, मेरे हर ठिकाने से !!"

©mr Ravi Dhakad कलाम से क्रांति

कलाम से क्रांति #ज़िन्दगी