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कुछ अर्ज - ए -  सुखन पर वो मुझसे जलने लगे। मेरी रा

कुछ अर्ज - ए -  सुखन पर वो मुझसे जलने लगे।
मेरी राह से वो राह अब बदलने लगे।।

मुझे क्यूं मलाल हो मेरी महफिलें सजिं है।
खुद के शोले में वो मो सा पिघलने लगे।। #Adnan_Rabbani's #Shayari • कुछ #अर्ज - ए -  सुखन पर वो #मुझसे जलने लगे।

मेरी राह से वो राह अब बदलने लगे।।


#मुझे क्यूं #मलाल हो मेरी #महफिलें सजिं है।

खुद के शोले में वो मोमो सा #पिघलने लगे।।
कुछ अर्ज - ए -  सुखन पर वो मुझसे जलने लगे।
मेरी राह से वो राह अब बदलने लगे।।

मुझे क्यूं मलाल हो मेरी महफिलें सजिं है।
खुद के शोले में वो मो सा पिघलने लगे।। #Adnan_Rabbani's #Shayari • कुछ #अर्ज - ए -  सुखन पर वो #मुझसे जलने लगे।

मेरी राह से वो राह अब बदलने लगे।।


#मुझे क्यूं #मलाल हो मेरी #महफिलें सजिं है।

खुद के शोले में वो मोमो सा #पिघलने लगे।।