मेरे हर लम्हें में साथ रहा है वो। गर मैं क़लम तो दवात रहा है वो। कुछ इस तरह का इश्क है अपना। मेरी रूह मेरा जज़्बात रहा है वो। बेशक दूरियां रही अब तक। मगर मानता मेरी हर बात रहा है वो। घड़ी की सुई सा साथ रहा मेरे। मेरे लिए चांदनी रात रहा है वो। मुझसे पहले मेरे दर्द समझ जाता है वो। कुछ इस कदर मुझे चाहता है वो। मैं भूल जाता हूं उसे अक्सर। मगर खुद में मेरा अतीत बताता है वो। ©Sandip rohilla #lamha Ak ansari