दूरियों में जीता हूं, उजड़ना चाहता हूं, शरीफ़, नहीं ,रहना "जोगा" शराब पीकर,बोलूं"बिस्मिल्लाह, अब कुछ, बिगड़ना चाहता हूं ।। عمران پردیسی آف ملتان