#शिर्षक- वो बचपन की दुनिया। सपनों की दुनिया ,तेरी और मेरी थी। बचपन की थी मगर, कितनी सुनहरी थी। हर बातो में तेरी ,एक पहेली थी। जैसी भी थी ,जो भी थी ,बड़ी अलबेली थी। वो बचपन की दुनिया ,बड़ी अलबेली थी। सपनो जैसा खेल निराला ,हम दोनों खेला करते थे। साथ मे किताबे कहानी ,दोनो मिलकर पढ़ते थे। क्या बताऊँ ,उस दिन की बाते ,कितनी निराली थी। दोस्ती में सब ,भूलकर हमने, ख्वाब अनोखे पाली थी। दोस्त कितनी प्यारी थी ,वो दुनिया ,जब तू मेरे साथ था , बड़े मजे करते थे दोनो वाह क्या बात थी। #प्रीतम कुमार✍️ ©Pritam sidar Rock #शिर्षक- वो बचपन की दुनिया। #Drops Ayushi Singh