मैं जब भी लिखती हूं अक्सर तनहा होती हूं दर्द भरी ज़िन्दगी से सुकुन मिलता हैं जब मैं सुनती हूं आपको मेरा दिल फिर से पहले जैसे खिलता है यादों के बोझ से राहत मिलती है बेरंग जिंदगी फिर से रंग में रंग जाती हैं। धड़कन आवाज देती है मैं उस पल खुल के जीती हूं जब बेखयाल के साथ खो जाती हूं। ये हंसीन वादिया मेरा साथ देती हैं जब मैं काफिराना सुनती हूं। आप ने हमे फिर से जीने का तरीका अपने गानों से सीखाया। रुख़सत से जिंदगी थकी थी जब भी मैने आपके लफ्जो को सुना खुल के जीना सिखा आवाज में एक जादू हैं आपके जब भी सुने रुह तक पहुंचती हैं आपके गीत अकेले कभी भी नहीं रहते अब हमारे इस सफर में जीत के जश्न में गीतों ने गुणगुनाया हैं मुश्किल भरे सफर में हो या दिल तुटा हो आपकी आवाज राहत देती हैं आपकी मुस्कुराहट हम सब की मुस्कान हैं मैं खो जाती हूं अक्सर उस जहाँ में जिसके सपने बुने थे मैने कोरे कागज पर मैं उलझती हू गुणगुनाती हूं राहत पाती हू प्यार हो जाता है जब भी सुने आपको आंखे यूं ही भर आती हैं जब आवाज दिल को छूंके सूके तालाब से भरा हुआ पाती हूं। मैं खुद को महसूस करती हूं इन पलों को चैन से जीती हूं। जब भी सुनू आपको दुनिया भूल कर खुद से रुबरु हो जाती हूं। मैं ज़िंदा होकर भी चुप थी अब दिल खोल के श्योर करती हूं। मैं तुझ में ढूंढ कर खुद को प्यार से लिखा करती हूं। आप हमारे भीतर हो जैसे सांस चलती.......... है । तो जिंदगी हैं । ©SUREKHA THORAT #Arijit A.G.Birajdar