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उड़ा जब दुपट्टा जिस्म से मेरी शर्म से तन जार-जार हो

उड़ा जब दुपट्टा जिस्म से मेरी
शर्म से तन जार-जार हो गई
लूटा बरसात भिगोकर तन मेरी
अनछुए इश्क़ से लगता है डर
एै खुद़ा रोक ले कहर अपनी
अभी तो जवानी कि बांकी है सफ़र

©Anushi Ka Pitara #बरसात #दुपट्टा #इश्क
उड़ा जब दुपट्टा जिस्म से मेरी
शर्म से तन जार-जार हो गई
लूटा बरसात भिगोकर तन मेरी
अनछुए इश्क़ से लगता है डर
एै खुद़ा रोक ले कहर अपनी
अभी तो जवानी कि बांकी है सफ़र

©Anushi Ka Pitara #बरसात #दुपट्टा #इश्क