उपद्रष्टानुमन्ता च भर्ता भोक्ता महेश्वरः ! परमात्मेति चाप्युक्तो देहेस्मिनपुरुषः परः !! : देह में स्थित यह "आत्मा" "परमात्मा" ही है जो उपद्रष्टा बनकर हमारे हर कर्म क्रिया प्रतिक्रिया का साक्षी है यही हमें यथार्थ सम्मति का बोध कराकर कुमार्ग पे जाने से रोकने का प्रथम प्रयास करता है ! भा.गी.अ/श्लोक--- 13/22 #शुभ संध्या जी 🌼💠☕☕🌹🌸🕉🌱🌲🌺🌻🍁🌴🌸🌹☕🙏💠 हे प्रभु हमारी जीवन ऊर्जा सृष्टि निर्माण के सौंदर्य में मितव्यता से व्यय हो । मार्ग मुझको तू दिखाये "मैं" तेरा अनुरागी बन कर निर्वाण पथ में लय हो । #पंछी #पाठक #हरे कृष्ण #श्रीमद्भगवद्गीता