जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है सूखे कुएं तुम्हारा इम्तेहान बाकी है बरस जाना वक़्त पर है मेघ किसी का मकान गिरवी है किसी का लगान बाकी है #confused #कविता #इंसान #दुख #दर्द #गरीबी #लाचारी #हैवानियत