कितनी अधूरी बातें पूरी हुई ही नहीं, कितने पुराने किस्से अधूरे ही रह गए, तुमने कहा तो था की फुरसत निकलकर एक दिन जरूर आओगे... पर कोई बात नही हमें तो उसदीन ही मालूम था, की तुम ये अपना वादा भुल जाओगे... वो क्या है न मुझे अपनी जगह का अंदाजा हो जाता है, मुझे मालूम है कि मुझे कोई अपने दिल में जगह नहीं दे पाता है, मैं तो वो हूं जिसे याद भी कोई करता तभी है जब कोई काम याद आता है, इसीलिए तो हर वादा इतनी आसानी से सब को भूलना आ जाता है, क्यों की काम भी तो बस कुछ समय में खत्म हो ही जाता है... पर इसका मलाल नहीं है मुझे अब तो आदत है मुझे, मलाल है बस की मेरा दिल क्यों फिर भी इतना भोला है, क्यों अक्सर बातों में तुम्हारी आ ही जाता है... तुम्हारे इंतजार में सुबह से शाम यूंही करता जाता है, क्यों फिर भी तुमसे इतनी मोहब्बत करना चाहता है... की तुम्हारे खयाल में आज भी सुबह से शाम बीतता है... कितनी अधूरी बातें.... #स्नेह_के_साथी #mywritingmywords #mywritingmythoughts #yqdidi #yqbaba #yqhindi #yqhindiwriters #अधूरी_बातें