देता है उपदेश जमाना ,खुद की लेकिन खबर कहाँ, दूजों में कमियाँ खोजे पर,खुद की आती नजर कहाँ। नुक्ताचीनी के कारण है ,मीठा सबका जीवन रस- रोग छिपे मीठे के अंदर ,दिखते उनको मगर कहाँ।। #सुनीता बिश्नोलिया© #nojoto# poem#shayri# # # # #