हमारे भारत मे लॉक डाउन की तस्वीर बड़ी न्यारी है। किसी को घर बैठे समझदारी आ रही है। किसी गरीब की भूख से जान जा रही है। कोई दवाई के लिए त्रस्त है, कोई ज्यादा कमाने में व्यस्त है। कोई ऑक्सीजन के लिए तरस रहा है। कोई इसमें व्यापार कर घर भर रहा है। लगता है किसी को तो इस समय बरकत आ रही है। टूटा तो वो है जिसके अपने की जान जा रही है। हाँ भाई कमा लो जितना कमा सकते हो इनसे। हाँ भाई गिरा लो जमीर जितना गिरा सकते हो इनसे । क्या हुआ आज किसी गरीब ने खाने के पैसे जिंदा रहने में लगा दिए। क्या हुआ अपने बच्चों की माँ को बचाने में घर, गहने दांव पर लगा दिए। तुझे तो आगे जाना है ना। तुझे तो खूब कमाना है ना। ईश्वर भी सोच घबरा रहा होगा। बार बार ऐसा साँचा ढहा रहा होगा। हाँ खोया है परिवार किसी ने, घरबार किसी ने। माँ खोई ,पिता खोया या खोया लाड़ प्यार किसी ने। पर तेरे दिल मे तरस नही आएगा। तेरा दिल इनको देख कर भी पसीज नही पायेगा। अगर होता होगा ईश्वर तो जरूर कुछ चमत्कार दिखायेगा। और उस वक़्त बस तू अपनो में हाहाकार पायेगा। कहते है ना भगवान की लाठी में आवाज नही होती। काला बाजारी वालो की सजा में कोई लाज नही होती। हो सकता है परीक्षा का समय उस ईश्वर ने बनाया है। इसीलिए पुण्य कर पास होने का समय आज आया है। ©Vijay Milind #कालाबाजारी#पाप#समझो#plz #follow #lockdown2021