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विषय :- हार जीत की जंग ****************** क्या रखा

विषय :- हार जीत की जंग
******************
क्या रखा है बेमतलब की, इस हार-जीत की जंग में।
बहुत सुकून मिलता है यहाँ, दिल को अपनों के संग में।

अपनों से गर जो तुम, प्रतिस्पर्धा करने लग जाओगे।
हार जाओगे सुकूँ की बाजी, जीत कहाँ फिर पाओगे।

मज़ा है तो अपनों के संग, हँसने हँसाने के हर ढंग में।
बहुत सुकून मिलता है यहाँ, दिल को अपनों के संग में।

दिल की हसरत पूरी करने, नित्य खेल नए तुम खेलना।
दोस्तों से कभी हारकर तुम, उसकी ख़ुशियाँ भी जीतना।

जीवन का ये रूप निराला, खुशियाँ यहाँ हर रंग में।
बहुत सुकून मिलता है यहाँ, दिल को अपनों के संग में।

जीत लिया हमने सबकुछ, गर ख़ुशियाँ दोस्त की जीत ली।
देकर मुस्कान चेहरे पे उसके, हमने हर जंग जीत ली।

हार-जीत के खेल से बढ़कर, ख़ुशियाँ है दोस्तों के संग में।
बहुत सुकून मिलता है यहाँ, दिल को अपनों के संग में। कोरा काग़ज़ Subscriber Challange-17
विषय :- हार जीत की जंग

क्या रखा है बेमतलब की, इस हार-जीत की जंग में।
बहुत सुकून मिलता है यहाँ, दिल को अपनों के संग में।

अपनों से गर जो तुम, प्रतिस्पर्धा करने लग जाओगे।
हार जाओगे सुकूँ की बाजी, जीत कहाँ फिर पाओगे।
विषय :- हार जीत की जंग
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क्या रखा है बेमतलब की, इस हार-जीत की जंग में।
बहुत सुकून मिलता है यहाँ, दिल को अपनों के संग में।

अपनों से गर जो तुम, प्रतिस्पर्धा करने लग जाओगे।
हार जाओगे सुकूँ की बाजी, जीत कहाँ फिर पाओगे।

मज़ा है तो अपनों के संग, हँसने हँसाने के हर ढंग में।
बहुत सुकून मिलता है यहाँ, दिल को अपनों के संग में।

दिल की हसरत पूरी करने, नित्य खेल नए तुम खेलना।
दोस्तों से कभी हारकर तुम, उसकी ख़ुशियाँ भी जीतना।

जीवन का ये रूप निराला, खुशियाँ यहाँ हर रंग में।
बहुत सुकून मिलता है यहाँ, दिल को अपनों के संग में।

जीत लिया हमने सबकुछ, गर ख़ुशियाँ दोस्त की जीत ली।
देकर मुस्कान चेहरे पे उसके, हमने हर जंग जीत ली।

हार-जीत के खेल से बढ़कर, ख़ुशियाँ है दोस्तों के संग में।
बहुत सुकून मिलता है यहाँ, दिल को अपनों के संग में। कोरा काग़ज़ Subscriber Challange-17
विषय :- हार जीत की जंग

क्या रखा है बेमतलब की, इस हार-जीत की जंग में।
बहुत सुकून मिलता है यहाँ, दिल को अपनों के संग में।

अपनों से गर जो तुम, प्रतिस्पर्धा करने लग जाओगे।
हार जाओगे सुकूँ की बाजी, जीत कहाँ फिर पाओगे।