जिसकी मिट्टी में बसता है रूह मेरा, मुझसे जुड़ी यादों का घरौंदा है शहर मेरा। जिसकी गलियारों में आज भी मेरे कदमों के निसां मिलते हैं, उन वजूद का आईना है शहर मेरा। जिसकी शाम की महफ़िल में कभी मेरा आना होता था, उस महफिल का दिलकश ठिकाना है शहर मेरा। ज़िंदगी के अनजान राहों में पग चल चुके हैं मेरे, नया मंजर और नया ठिकाना है मेरा, पर वो सुकून नही है इन नई शहर में, मेरे दिल के करीब आज भी है शहर मेरा। #MeraShehar #मेराशहर #MeraShehar #nojoto #nojotoquotes #city #hometown