वाे भावनाएं जाे अबतक दिल के किसी काेने में दबी थी, वाे आँसू जाे कब से पलकाें में अटके थे वाे शाेख हंसी जाे लबाें पर हीं ठिठकी थी शुक्रिया yqbaba,yqdidi🙏इन भावनाओं काे एक बेहतर मंच देने के लिए Yq पर आए हुए कब 2 साल से भी ज्यादा और 500 quotesकब पूरे हाे गए ,पता हीं नहीं चला। शुरूआत में जब yq पर आयी तब समझ में नहीं आता था क्या लिखूं!! ऐसा लगता था कहीं कुछ गलत लिख दिया ताे.. काेई क्या साेचेगा मेरे बारे मे! पर शुक्रिया yq didi 🙏आपके इस मंच पर सिर्फ कलम बाेलती है,किसी का चेहरा, उसकी उम्र,उसकी जाती,या उसकी हैसियत नहीं।आपके यहां काेई आरक्षण नहीं। आपके इस मंच पर मुझे सदैव अच्छे लाेग हीं मिले।हमेशा अच्छा पढ़ने और सिखने का अवसर मिला। इस काेराेना काल में जब सभी लाेग अपने अपने घराें में है,ऐसे वक्त में भी yq की वजह से हम सब काे कभी बाेरियत का अहसास नहीं हाेने दिया। आज मैं अपने सभी दाेस्ताें का भी तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ,जिन्हाेंने हमेशा मेरा साथ दिया।या यूं कहूँ की उन लाेगाें कि वजह से मैने लिखना सिखा। बस इतनी इल्तिजा है ये साथ बनाए रखना