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अरसा हो गया चांद को देखा नहीं। ऐसा मालूम होता है

अरसा हो गया चांद को देखा नहीं।

ऐसा मालूम होता है कि मेरे हाथों में मिलन वाली वो रेखा नहीं

मिलन की तड़प में अक्सर लोग शराब पीना शुरू कर देते है 

शुरू हम भी कर देते 
कमबख्त हमारे घर के पास कोई ठेका नहीं।

©vijay chauhan अप्रत्याशित मिलन
अरसा हो गया चांद को देखा नहीं।

ऐसा मालूम होता है कि मेरे हाथों में मिलन वाली वो रेखा नहीं

मिलन की तड़प में अक्सर लोग शराब पीना शुरू कर देते है 

शुरू हम भी कर देते 
कमबख्त हमारे घर के पास कोई ठेका नहीं।

©vijay chauhan अप्रत्याशित मिलन