अंत ही आरंभ है बीच का विलम्ब है भावनाएँ व्यर्थ हैं, ये व्यर्थ सब कुटुंब हैं मार्ग जिस्का सूक्ष्म है और भव सारे स्तम्भ हैं मृत्यु का है भय नहीं ये भव जो प्रचंड है जी रहा निर्भीक तो तू पथिक अखंड है जी रहा निर्भीक तो तू पथिक अखंड है ©Rish #lonely #antt #Aarambh