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के विषय मे गांधी जी को पत्र✍️ कृपया अनुशीर्षक में

के विषय मे गांधी जी को पत्र✍️

कृपया अनुशीर्षक में पढ़ियेगा🙏🙏  सहृदय आभार प्रिय बापू जी,

आपको शतबार सप्रणाम, वंदन🙏🙏

प्रिय राष्ट्रपिता आप मेरे सर्वप्रथम प्रिय व अभिप्रेरक रहे हैं, आपकी जीवनगाथा मेरे लिए एक आदर्श शिक्षिका रही है।मैं नित नित पढ़ अपना जीवनमार्गदर्शन करती हूँ । हम धन्य हैं जो आप जैसे बापू की शरण मे आजादी का दामन ओढ़ा है।

पर बापू आप ने तो हमे आजादी दिलाई थी उस से सभी ने स्वतंत्रता का जश्न मनाया और आज भी वो जश्न मनाते है ।पर आज फिर से हम कहीं न कहीं अभी भी पराधीनता से ग्रस्त हैं वो पराधीनता हमे देह सुख छिनती थी पर आज की पराधीनता हमारा मानसिक सुख छीन रही है ।हम सभी इस पीड़ा को छेल रहे हैं।कृपया बापू आप पुनः आ इस मानसिक पराधीनता से स्वतंत्र कराइये ताकि हम सब एक और स्वतंत्रता का जश्न मना सके।
के विषय मे गांधी जी को पत्र✍️

कृपया अनुशीर्षक में पढ़ियेगा🙏🙏  सहृदय आभार प्रिय बापू जी,

आपको शतबार सप्रणाम, वंदन🙏🙏

प्रिय राष्ट्रपिता आप मेरे सर्वप्रथम प्रिय व अभिप्रेरक रहे हैं, आपकी जीवनगाथा मेरे लिए एक आदर्श शिक्षिका रही है।मैं नित नित पढ़ अपना जीवनमार्गदर्शन करती हूँ । हम धन्य हैं जो आप जैसे बापू की शरण मे आजादी का दामन ओढ़ा है।

पर बापू आप ने तो हमे आजादी दिलाई थी उस से सभी ने स्वतंत्रता का जश्न मनाया और आज भी वो जश्न मनाते है ।पर आज फिर से हम कहीं न कहीं अभी भी पराधीनता से ग्रस्त हैं वो पराधीनता हमे देह सुख छिनती थी पर आज की पराधीनता हमारा मानसिक सुख छीन रही है ।हम सभी इस पीड़ा को छेल रहे हैं।कृपया बापू आप पुनः आ इस मानसिक पराधीनता से स्वतंत्र कराइये ताकि हम सब एक और स्वतंत्रता का जश्न मना सके।