दिल के जज़्बात ख़त से बयां कर रही हूँ, तुम्हारी यादों को अल्फ़ाज़ों में पिरो रही हूँ। प्यार के समन्दर को एक ख़त में समेट रही हूँ, हर अल्फ़ाज़ लिखने से पहले आहें भर रही हूँ। दिल को संभालने की नाकाम कोशिश कर रही हूँ, इस बेपनाह प्यार को कैसे सजाऊं सोच रही हूँ। सोच सोच कर फ़िर भी ख़त लिख रही हूँ, हर अल्फाज़ को अपने इश्क़ से भर रही हूँ। ख़यालों में डूबी हुई दिन को शाम कर रही हूँ, प्यार का पहला ख़त तुम्हारे नाम कर रही हूँ। ♥️ Challenge-989 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।