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जनवरी की सर्द में गरमा गरम चाय और संरक्षण के संदर

जनवरी  की सर्द में गरमा गरम चाय
और संरक्षण के संदर्भ में प्रिया की राय

कई बार ऐसा होता है, खासकर स्त्रियों के साथ,दरअसल कभी पिता,
 कभी भाई,कभी पति और कभी बेटे द्वारा सदियों से संरक्षण के नाम पर
जाने-अनजाने उन्हें और उनकी महत्वाकांक्षाओं को कैद किया जाता रहा है
 जहां तक मेरा मानना है कि संरक्षण का आशय - व्यक्ति को बंदी बनाने से नहीं
बल्कि उनके मार्ग में आने वाली समस्त सामाजिक आर्थिक राजनीतिक
बाधाओं से सुरक्षा प्रदान करना होता है, संरक्षण से घुटन
 नहीं बल्कि  शक्ति प्राप्त होनी चाहिए
 अर्थात व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण में उसका आत्मबल, आत्मसम्मान
 स्वाभिमान,गरिमा,आत्मनिर्भरता,मौलिकता, स्वच्छंदता,निर्णय शक्ति
 और संविधान के  वे समस्त अधिकार जिनके वे हकदार हैं - कहीं वे
 उनसे वंचित न रह जाए,  उसे सुनिश्चित करना और उसके व्यक्तित्व निर्माण
 के मार्ग में आने वाली समस्त विडंबना चाहे वे, सामाजिक रूढ़ियां, यातनाएं
 संकीर्ण मानसिकता, विकृत धारणाएं, संवेदनात्मक छल या प्रतिकूल
 परिस्थितियों का भय ही क्यूँ ना हो, उन सब से सुरक्षा प्रदान करना ही
 संरक्षण का आशय है, संरक्षण व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण में
 सहायक होना चाहिए न कि बाधक, व्यक्ति के बल और विश्वास
 को सशक्त करने में संरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए
 अर्थात
"संरक्षण वो नहीं जो हमारी महत्वाकांक्षाओं को शोषित करें 
 बल्कि  ये वो है जो हमारी महत्वाकांक्षाओं को पोषित करें "
                                       - प्रिया कुमारी निहारिका

©Priya Kumari Niharika #संरक्षण #Nojoto #Poetry #Love #Quote #story #me #treanding #nojotohindi 

#jail  Darshan Raj HOLOCAUST SHANDILYA Gulshan_Dwivedi Pushpvritiya  Sudha Tripathi
जनवरी  की सर्द में गरमा गरम चाय
और संरक्षण के संदर्भ में प्रिया की राय

कई बार ऐसा होता है, खासकर स्त्रियों के साथ,दरअसल कभी पिता,
 कभी भाई,कभी पति और कभी बेटे द्वारा सदियों से संरक्षण के नाम पर
जाने-अनजाने उन्हें और उनकी महत्वाकांक्षाओं को कैद किया जाता रहा है
 जहां तक मेरा मानना है कि संरक्षण का आशय - व्यक्ति को बंदी बनाने से नहीं
बल्कि उनके मार्ग में आने वाली समस्त सामाजिक आर्थिक राजनीतिक
बाधाओं से सुरक्षा प्रदान करना होता है, संरक्षण से घुटन
 नहीं बल्कि  शक्ति प्राप्त होनी चाहिए
 अर्थात व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण में उसका आत्मबल, आत्मसम्मान
 स्वाभिमान,गरिमा,आत्मनिर्भरता,मौलिकता, स्वच्छंदता,निर्णय शक्ति
 और संविधान के  वे समस्त अधिकार जिनके वे हकदार हैं - कहीं वे
 उनसे वंचित न रह जाए,  उसे सुनिश्चित करना और उसके व्यक्तित्व निर्माण
 के मार्ग में आने वाली समस्त विडंबना चाहे वे, सामाजिक रूढ़ियां, यातनाएं
 संकीर्ण मानसिकता, विकृत धारणाएं, संवेदनात्मक छल या प्रतिकूल
 परिस्थितियों का भय ही क्यूँ ना हो, उन सब से सुरक्षा प्रदान करना ही
 संरक्षण का आशय है, संरक्षण व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण में
 सहायक होना चाहिए न कि बाधक, व्यक्ति के बल और विश्वास
 को सशक्त करने में संरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए
 अर्थात
"संरक्षण वो नहीं जो हमारी महत्वाकांक्षाओं को शोषित करें 
 बल्कि  ये वो है जो हमारी महत्वाकांक्षाओं को पोषित करें "
                                       - प्रिया कुमारी निहारिका

©Priya Kumari Niharika #संरक्षण #Nojoto #Poetry #Love #Quote #story #me #treanding #nojotohindi 

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