कसूर नहीं निगाहों का! तेरे ख्वाबों का काजल मैंने ही इनमे लगाया है!! डूबा जा रहा है मन तेरी यादों में! तेरे तसव्वुर मे रहना इसको मैंने ही सिखाया है!! #घूँघट में रखती हूँ छुपा कर हुस्न गैरों से! मेरे चेहरे पर नूर तेरी निगाहें करम से ही आया है!! !!!...@$37482426$@...❤️❤️ ❤