मैं वहीं बदलाव हूँ ज़िन्दगी का तुम्हारी, जो चाहा था तुमने सदा.. मगर लगता है कि, बदलाव का रूप बदल लिया तुमने.. जो पाठ पढ़ाया था कभी अहिंसा का सबको, वो भूल आए ज़िन्दगी में सब पीछे कहीं.. छोड़ कर रास्ता अहिंसा का तुमने, हिंसा का पथ अपनाया है.. बदले तो हैं सब मगर, बदलाव वो किसी में भी नहीं आया है.. झोंक रहे हैं ज़िन्दगी को अपनी सब, शान्ति, प्रेम, दया के जहाँ भाव नही… #गांधीजयंती #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi