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*#_बचपना* *भाई साहब बचपन तो बचपन ही था वास्तव में

*#_बचपना*
*भाई साहब बचपन तो बचपन ही था वास्तव में आज एक दम से बचपन की याद आई, वो रेत के घर , वो बहन भाईयों के साथ में खेलना, मां के गोदी में खेलना और पापा के कंधों पर घुमना!
दादाजी की उंगली पकड़ कर चलना, बात बात में भाई बहनों के कहने पर मां से डांट खाना! हर खाने की चीज के लिए भाई बहनों से और मां से झगड़ना!बचपन तो ऐसा था कि मां पापा के आगे किसी भी चीज की अगर हठ कर लेते तो वह उनकी पुर्ती कर देते !
लेकिन अब बारी आई मां बापू को वह सब लोटाने की तो जिंदगी इतनी उलझी पड़ी है साहब की अब ना तो हम घर से मांग सकते ना घरवालों को कुछ दे सकते हैं सोचा नहीं था कि ऐसा भी समयआएगा!कितने खुबसूरत हुआ करते थे बचपन के वो दिन सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी*
*MISS YOU CHILDILDHOOD😌😔* #childhood #childhood #love
*#_बचपना*
*भाई साहब बचपन तो बचपन ही था वास्तव में आज एक दम से बचपन की याद आई, वो रेत के घर , वो बहन भाईयों के साथ में खेलना, मां के गोदी में खेलना और पापा के कंधों पर घुमना!
दादाजी की उंगली पकड़ कर चलना, बात बात में भाई बहनों के कहने पर मां से डांट खाना! हर खाने की चीज के लिए भाई बहनों से और मां से झगड़ना!बचपन तो ऐसा था कि मां पापा के आगे किसी भी चीज की अगर हठ कर लेते तो वह उनकी पुर्ती कर देते !
लेकिन अब बारी आई मां बापू को वह सब लोटाने की तो जिंदगी इतनी उलझी पड़ी है साहब की अब ना तो हम घर से मांग सकते ना घरवालों को कुछ दे सकते हैं सोचा नहीं था कि ऐसा भी समयआएगा!कितने खुबसूरत हुआ करते थे बचपन के वो दिन सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी*
*MISS YOU CHILDILDHOOD😌😔* #childhood #childhood #love