सुधार कितने सिधार गए युग को सुधारने वाले हर बार भूल कर बैठे उद्घोष करने वाले खुद को सुधार कर सुधारना था जग को नादान की तरह यूंँ ही उद्घोष कर बैठे घर में बैठे ही जग सुधार का संकल्प ले बैठे रण के मैदान में वह तो यूंँ ही चित्त हो बैठे सुधार सुधार औरों का नहीं खुद का #yqchangeyourself #yqlove_feelings_emotions # #yqbaba #yqdada #