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शीर्षक-गुरु विद्या सम्पदा गुरु शिक्षा की सम्पदा,ग

शीर्षक-गुरु विद्या सम्पदा

गुरु शिक्षा की सम्पदा,गुरु है ज्ञान का सार
गुरु मिटाये आपदा, गुरु जीवन करे उध्धार

विश्वामित्र से राम मिले,गुरु शिक्षा तब पाये
सांदीपनि से कृष्ण मिले,तब ज्ञान को पाये

गुरु सूर्य तपिश मिटाये,चाँद सी शीत दिलाये
गुरु तिमिर को मिटाये, ज्ञान का बोध कराये

गुरु ही ईश्वर से मिलाये,धनुर्धर अर्जुन सिखाये
शिष्य को निर्भीक बनाये,अपना सामर्थ बताये

मातु पिता सिर्फ जन्म देते, गुरु देते जीवन दान
मातु पिता परवरिश करते, गुरु देते विद्या ज्ञान

ईश् वंदना से वैभव मिलाये, गुरु वंदना से ज्ञान
छल कपट सब त्याग के,गुरु का कर लो ध्यान

सदैव गुरु आज्ञा मानिये,जग में गुरु से बड़ा न कोइ
तो गुरु के शरण में जाइये, तब गुरु अनुकंपा होइ

बिन गुरु जीवन अंधकार,जो गुरु का करे सत्कार
गुरु ही है शिक्षा का आधार,गुरु ही मिटाये विकार


अनुकंपा करौ मुझपे,हे गुरु देव जग के साक्षात्कार
मैं अरुण गुरु के चरणों मे ,शीश नाभाऊं वारम्वार 

रचनाकार-कवि अरुण चक्रवर्ती गुरसहायगंज
मो.9795718204

©Poet Arun Chakrawarti,Mo.9118502777 हैप्पी टीचर्स डे
#Teachersday
शीर्षक-गुरु विद्या सम्पदा

गुरु शिक्षा की सम्पदा,गुरु है ज्ञान का सार
गुरु मिटाये आपदा, गुरु जीवन करे उध्धार

विश्वामित्र से राम मिले,गुरु शिक्षा तब पाये
सांदीपनि से कृष्ण मिले,तब ज्ञान को पाये

गुरु सूर्य तपिश मिटाये,चाँद सी शीत दिलाये
गुरु तिमिर को मिटाये, ज्ञान का बोध कराये

गुरु ही ईश्वर से मिलाये,धनुर्धर अर्जुन सिखाये
शिष्य को निर्भीक बनाये,अपना सामर्थ बताये

मातु पिता सिर्फ जन्म देते, गुरु देते जीवन दान
मातु पिता परवरिश करते, गुरु देते विद्या ज्ञान

ईश् वंदना से वैभव मिलाये, गुरु वंदना से ज्ञान
छल कपट सब त्याग के,गुरु का कर लो ध्यान

सदैव गुरु आज्ञा मानिये,जग में गुरु से बड़ा न कोइ
तो गुरु के शरण में जाइये, तब गुरु अनुकंपा होइ

बिन गुरु जीवन अंधकार,जो गुरु का करे सत्कार
गुरु ही है शिक्षा का आधार,गुरु ही मिटाये विकार


अनुकंपा करौ मुझपे,हे गुरु देव जग के साक्षात्कार
मैं अरुण गुरु के चरणों मे ,शीश नाभाऊं वारम्वार 

रचनाकार-कवि अरुण चक्रवर्ती गुरसहायगंज
मो.9795718204

©Poet Arun Chakrawarti,Mo.9118502777 हैप्पी टीचर्स डे
#Teachersday

हैप्पी टीचर्स डे #Teachersday