इज़हार रातों को हमे कोई ख्वाब नहीं आता देने हमे कोई गुलाब नहीं आता सात दिनों में बाँध रखा है इश्क को मोबाइलों के दौर के आशिकों ने वीडियो कॉल वालों को प्रेम मे इंतजार नहीं आता वो लोग और थे जो खत पर निकाल कर रखते थे कलेजा दिल की इमोजी भेजने वाले को इश्क में इजहार नहीं आता. ✒️नीलेश सिंह पटना विश्वविद्यालय ©Nilesh Singh #इजहार