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हमारे पहले शिक्षक हमारे माता पिता होते है जो पहली

हमारे पहले शिक्षक हमारे माता पिता होते है जो पहली बार हाथ पकड़ के चलना सिखाते है
दुसरी बार जो हाथ पकड़ के लिखना पढना सिखाते है वो हमारे दुसरे शिक्षक अर्थात हमारे गुरु 
तीसरे और अंतिम शिक्षक हमारी खुद की गलती होती है जो हमें हर दिन एक नया पाठ सिखाती है 

jo जितनी बार गिरता है उसमे फिर से खड़े होने का जस्बा होता है, इस लिए अपने माता पिता, गुरु और अपने द्वारा की गयी गलती कभी भूलना नही चाहिए, इनसे हमें हर रोज एक नई प्रेरणा लेनी चाहिए शिक्षक ###$🙏🙏🙏🙏
हमारे पहले शिक्षक हमारे माता पिता होते है जो पहली बार हाथ पकड़ के चलना सिखाते है
दुसरी बार जो हाथ पकड़ के लिखना पढना सिखाते है वो हमारे दुसरे शिक्षक अर्थात हमारे गुरु 
तीसरे और अंतिम शिक्षक हमारी खुद की गलती होती है जो हमें हर दिन एक नया पाठ सिखाती है 

jo जितनी बार गिरता है उसमे फिर से खड़े होने का जस्बा होता है, इस लिए अपने माता पिता, गुरु और अपने द्वारा की गयी गलती कभी भूलना नही चाहिए, इनसे हमें हर रोज एक नई प्रेरणा लेनी चाहिए शिक्षक ###$🙏🙏🙏🙏