तुम्हारा मिल के दोबारा बिछड़ जाना, नज़रों को किनारे से ले अगड़ आना। तल्ख रिश्तों का हर बारी पकड़ लाना, मुल्क का सल्तनत से फिर लंगड़ माना। अब जरूरी नहीं... #openforcollab #collab #yqbaba #yqdidi #diary #मनकीबातें #RSA #YourQuoteAndMine Collaborating with ritusumitamit/ RSA