खामोश ज़हन में कैद बेचैनी है, हमने लबों पे मुस्कुराहट पहनी है| मत करो ज़ाया अपने जज़्बात तुम, तकलीफ मेरी मुझे ही सहनी है| हमने लबों पे मुस्कुराहट पहनी है… धुऐं से चुभते हैं मरासिम खोकले, बेबस आंखें रात भर बहनी है| हमने लबों पे मुस्कुराहट पहनी है… इल्म होता मेरी बेखुदी का उसे, क्यों ज़रूरी हर बात कहनी है| हमने लबों पे मुस्कुराहट पहनी है… बयां ना कर खलिश ‘, दुनिया जो है वही रहनी है| हमने लबों पे मुस्कुराहट पहनी है… MADMAN खामोश ज़हन में कैद बेचैनी है, हमने लबों पे मुस्कुराहट पहनी है| मत करो ज़ाया अपने जज़्बात तुम, तकलीफ मेरी मुझे ही सहनी है| हमने लबों पे मुस्कुराहट पहनी है… धुऐं से चुभते हैं मरासिम खोकले,