खुला आसमा नीला अम्बर काले मेघ चले आये। मद्धम वेग से पवन चले मेघ वर्षा ले चले आये । धरती की प्यास बढ़ी ये प्यास बुझाने आये । खुला आसमा नीला अम्बर काले मेघ चले आये। उठी गर्दन पंख खुले देख मेघ मयूर प्रफुल्लित हुए अपनी धुन में है नाचे । #sumitpandey कविता ये अधूरी रह गयी, कोई अपना कीमती समय निकाल कर अगर इसे पूरा कर दे तो आपका तहे दिल से आभार ।।