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जीवन के अंतिम पड़ाव पर, अपनों की जहां ज़रुरत हो, अपन

जीवन के अंतिम पड़ाव पर,
अपनों की जहां ज़रुरत हो,
अपने ही अपनों को छोड़ देते है,
वृद्धाश्रम में.!!

जहां हर चेहरा मायूस है दीखता,
सूनापन है आँखों में,
अपनों से बिछड़े बुजुर्गों के,
दर्द दीखता है चेहरे पर.!

डरे सहमे भावहीन सभी चेहरे,
दर्द छुपाएं आँखों में,
इंतज़ार उसे मौत का रहता,
जीवन से मुक्ति पाने को.!

एक एक कर संघी है बिछड़ते,
नए-नए रोज आते है,
दर्द देखकर दूसरों का,
अपना कम हो जाता है.!

जीवन के इस चक्रव्यूह में,
फंसे सभी है माया में,
नही किए जीवन का मंथन,
बंचित रह गए अमृत से.!!
#अजय57
 वृद्धाश्रम..
जीवन के अंतिम पड़ाव पर,
अपनों की जहां ज़रुरत हो,
अपने ही अपनों को छोड़ देते है,
वृद्धाश्रम में.!!

जहां हर चेहरा मायूस है दीखता,
सूनापन है आँखों में,
अपनों से बिछड़े बुजुर्गों के,
दर्द दीखता है चेहरे पर.!

डरे सहमे भावहीन सभी चेहरे,
दर्द छुपाएं आँखों में,
इंतज़ार उसे मौत का रहता,
जीवन से मुक्ति पाने को.!

एक एक कर संघी है बिछड़ते,
नए-नए रोज आते है,
दर्द देखकर दूसरों का,
अपना कम हो जाता है.!

जीवन के इस चक्रव्यूह में,
फंसे सभी है माया में,
नही किए जीवन का मंथन,
बंचित रह गए अमृत से.!!
#अजय57
 वृद्धाश्रम..
ajaykeshari572073

Ajay Keshari

New Creator

वृद्धाश्रम.. #अजय57