Nojoto: Largest Storytelling Platform

बस का नही कुछ क्या करूं ?| लाचारी है इतनी कि तिल-त

बस का नही कुछ क्या करूं ?|
लाचारी है इतनी कि तिल-तिल मरूं ||

ख्वाब थे जो देखे,सब टूट गए |
लगता है मेरे अल्ला-मौली सब मुझसे रूठ गए ||

मर रहा हूं पल-पल उनकी याद में |
कहते हैं अब नही है समय पर जरूर आएगा बाद में ||

उनकी खुशी के लिए ही मै खुश होता हूं |
ये मेरा दिल ही जानता है कि अदंर से कितना रोता हूं ||

पर अब कुछ नही,
कर लेगें समझोता और लड़ेगें चाहे जो भी हालात हो |
रहेगें खुश-रखेगें खुश और दबा देगें दिल मे उठने वाले हर एक ज़जबात को ||

                                                                     :- Jatin #Inside me
बस का नही कुछ क्या करूं ?|
लाचारी है इतनी कि तिल-तिल मरूं ||

ख्वाब थे जो देखे,सब टूट गए |
लगता है मेरे अल्ला-मौली सब मुझसे रूठ गए ||

मर रहा हूं पल-पल उनकी याद में |
कहते हैं अब नही है समय पर जरूर आएगा बाद में ||

उनकी खुशी के लिए ही मै खुश होता हूं |
ये मेरा दिल ही जानता है कि अदंर से कितना रोता हूं ||

पर अब कुछ नही,
कर लेगें समझोता और लड़ेगें चाहे जो भी हालात हो |
रहेगें खुश-रखेगें खुश और दबा देगें दिल मे उठने वाले हर एक ज़जबात को ||

                                                                     :- Jatin #Inside me