Nojoto: Largest Storytelling Platform

दो अनजान राहों को मंज़िल मिली इश्क़ में इक हमें हाँस

दो अनजान राहों को मंज़िल मिली
इश्क़ में इक हमें हाँसिल मिल गई।

भटकते थे क़दम दौड़ जाता था मन !
ठहरने की तुम से बजह मिल गई।

दिलनशीं तेरे ख़्वाबों का डेरा लगा !
तेरी दिलकश अदाओं का घेरा लगा।

हम क़दम दर क़दम पास आते गए!
ज़िन्दगी से भी ज़्यादा तू प्यारा लगा।

अब कुछ और तो मुझको दिखता नहीं!
मेरी पलकों का तू मुझको तारा लगा।

मुक़म्मल मेरा इश्क़ करना ख़ुदा !
कुछ भी चाहूँ नहीं इश्क़ के मैं सिवा। ♥️ Challenge-692 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 

♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
दो अनजान राहों को मंज़िल मिली
इश्क़ में इक हमें हाँसिल मिल गई।

भटकते थे क़दम दौड़ जाता था मन !
ठहरने की तुम से बजह मिल गई।

दिलनशीं तेरे ख़्वाबों का डेरा लगा !
तेरी दिलकश अदाओं का घेरा लगा।

हम क़दम दर क़दम पास आते गए!
ज़िन्दगी से भी ज़्यादा तू प्यारा लगा।

अब कुछ और तो मुझको दिखता नहीं!
मेरी पलकों का तू मुझको तारा लगा।

मुक़म्मल मेरा इश्क़ करना ख़ुदा !
कुछ भी चाहूँ नहीं इश्क़ के मैं सिवा। ♥️ Challenge-692 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 

♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
nehapathak7952

Neha Pathak

New Creator