मुझे नही मालूम के मोहब्बत क्या होती है ये कोई जोग होती है या कोई रोग होती है। तेरी याद आती है फिजायें बहक जाती है तेरे बदन की खुशबू मेरे बदन से आती है। लो आ गए तेरे मकतल में दिल ए नादाँ लेकर अब खलिश होती है या जिगर के पार होती है। #mohabbat #jigar