मौत के इंतेज़ार में कुछ यूं जी रहा हु मैं, जो खाये ज़ख्म अपनो से वो सी रहा हु मैं, हिम्मत टूट रही है ज़ख्म भर नही रहे, हिम्मत टूट रही है ज़ख्म भर नही रहे, कभी खुद को संभाल रहा तो कभी पी रहा हु मैं, मौत के इंतेज़ार में कुछ यूं जी रहा हु मैं। #ज़ख़्मी_शायर