हवाएं दें गवाही, आसमां साक्षी हो। ना हो कोई, तुम्हारा हाथ मेरे हाथों में हो।। पंछी बजाएं शहनाई, प्रकृति की सुंदर ताल हो। जो न कभी टूट सके, ऐसा ही मधुर मिलन हो।। तुम मेरे मैं तुम्हारा, बस एक ही वचन हो। सुख-दुःख एक समान, जीवन की यही लालसा हो।। ना धन की इच्छा, ना शोहरत की कामना हो। बंधे ऐसे इक बंधन में, जिसमें ना कोई गांठ हो।। साथ चलें जीवनपर्यंत, राह चाहे कितनी भी मुश्किल हो। 'सुशील' की नईया पार करे, बस ऐसा ही खेवईया हो।। ©सुशील राय "शिवा" लालसा #Couple