लिखने जो बैठा नज़्म एक मैं #दोस्ती_के_लिए अल्फ़ाज नहीं मिले मुझको मित्र परस्ती के लिए क्या लिखूं भला उनके बारे में जिनसे लिखना मैं सीखा हूँ तौल सकूँ उनको लफ्जों में इतना अभी कहाँ मैं सीखा हूँ छोटी सी कलम पर कितने अहसासों का भार आया है बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ पर थोड़ा ही लिख पाया है हाँ भाव बहुत उमड़े मन में पर विरले से सब पाए हैं मित्र लिखूं सह कलम लिखूं कुछ समझ नहीं अब आए है चलो लिख देता हूँ पारस हो तुम मुझ मिट्टी को तुमने निखारा है मेरे पग पग पर सहयोग देने वाले मेरे मित्रों बेहद आभार तुम्हारा है #चौबेजी friendship day #चौबेजी #नज़्म #कविता #दोस्ती #nojoto #nojotohindi #poem #friends #friendship #friendshipday