रहती हूं मैं अब भी इंतजार में मगर अब तुम लौटकर आना नही बखूबी छुपाने लगी हूं दिल के जख्म सारे मगर अब ये निगाहें अब तुम निहारना नही दिल अब मचलता नही है तेरा नाम सुनकर अब ये पिघलता नही है,लेकिन सुनो अब तुम मुझे पुकारना नही शाम तेरी मोहब्बत सी लगती है मुझको सुनो मगर ये जुल्फें अब तुम सवारना नही रहती हूं मैं अब भी इंतजार में मगर अब तुम लौटकर आना नही..!! ©Mahek Shukla 🦋✨ #AbLautKeMatAana #Thinking #write #intezaar #tera_ishq