जीवन एक रस धारा है सूख इसका किनारा है... मन इसका माँझी है तन उसका साझी है ।। चौपाई जैसा कि शब्द से विदित है। इसमें चार चरण होते हैं। यह एक सम मात्रिक छन्द है। प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं। हर दो-दो पंक्तियों में समान तुक होगा। चौपाई में लय का विशेष ध्यान रखना है। साधारण शब्दों में कहें तो इसकी ताल धिन धिन - धिन धिन... धिन धिन - धिन धिन लय का यह पैटर्न बना रहना चाहिए। एक उदाहरण: जीवन को अपनाना सीखो