तेरी बंदिशें बरबाद करती, मुझको आबाद तू होने दे। मैं पंछी आवारा ही रहना चाहती, मुझको आज़ाद तू होने दे। पिंजरे में हँसने से अच्छा, मुझको पेड़ों पर तू रोने दे। मैं पंछी आवारा ही रहना चाहती, मुझको आज़ाद तू होने दे। ©The Poetic Megha आज़ाद #Nojoto #Hindi #शायरी #ThePoeticMegha