और आग जल पडी धुंआ छाने लगा है तनहाई मे न जाने क्यों म़जा आने लगा है और आग जल पडी धुँआ छाने लगा है ढूँढ़ती है नजर तुम्हे ज़मी से फलक तक फलक पे बैठा चाँद सताने लगा है और आग जल पडी धुँआ छाने लगा है किताबें भी रूठकर जैसे चली जाती है दूर वक्त जिंदगी के मायने सिखलाने लगा है और आग जल पडी धुँआ छाने लगा है #perplexed #उदासी #जिंदगी #nojoto #timepaas