तन्हाइयों का दामन थामें हूँ बैठा सबसे अब दूर जाके। तोड़ गया तू हर रिश्ते नाते अपनो के बातों में आके। तुझसे बिछड़ कर अब ये जाना हर झूठे थे तेरे वो वादे।। . . चाहने वाले तो कई थे अपने पर जिसको मैंने है चाहा वो किसी ओर को है चाहे। आजमाई है ज़िन्दगी ने इस कदर जिंदा हूँ अब भी हर धोखे ख़ाके।। ♥️ Challenge-821 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।