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आज भी चुप हूँ क्योंकि मैं विधवा हूँ मगर मेरी कोख

आज भी चुप हूँ 
क्योंकि मैं विधवा हूँ
मगर मेरी कोख में
मेरे पति की निशानी है
मैंने अपने  ही लोगों को कहते सुना है
ऐसी  औरत है जिसने अपने
पति को खा लिया... 
मैं नयी नवेली ब्याहता थी
क्या पता था 
विधवा होने का दंश 
जीने से ज्यादा 
रोज रोज  
मरने को मजबूर करेगा #विधवा
आज भी चुप हूँ 
क्योंकि मैं विधवा हूँ
मगर मेरी कोख में
मेरे पति की निशानी है
मैंने अपने  ही लोगों को कहते सुना है
ऐसी  औरत है जिसने अपने
पति को खा लिया... 
मैं नयी नवेली ब्याहता थी
क्या पता था 
विधवा होने का दंश 
जीने से ज्यादा 
रोज रोज  
मरने को मजबूर करेगा #विधवा